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Ganesh Story in Hindi
मंगल-मूर्ति की गाथा
अच्छा तो सुप्रिया रानी, क्या तुम बतला सकती
गणेश जी के सिर पर, लंबी सूंड कहां से आई?
बड़ा भाई कार्तिक तो बिल्कुल सीधा सादा वीर
तारकासुर का वध करता है, कार्तिकेय प्रवीर
चलो सुनाता हूं तुमको, मंगल-मूर्ति की गाथा
नर शरीर पर कैसे आया था, हाथी का माथा
पार्वती का नन्हा-सा गणेश, आंगन में खेले
माता हंसकर बोली, तू मुझको पहरे में ले ले
देख, ध्यान रखना कोई, मुझसे पूछे बिन घर में
पैर नहीं रख पाए सुनना, आज मेरे आंगन में
मां की आज्ञा पाकर बालक दरवाजे पर बैठा
अपने सारे हथियारों को, साथ में लेकर बैठा
Ganesh Story in Hindi
योगा-योग से उसी समय, शिवजी खुद आए घर पर
बालक बोला, मां को पूछकर, घुसना घर के अंदर
पहले तो आश्चर्य हुआ, फिर शिवजी हुए नाराज
हठी गणेश अपनी जिद्दी से, तब भी न आया बाज
शिवजी ने क्रोधित होकर, अपना त्रिशूल चलाया
बालक का कट गया शीश, तब होश पिता को आया
हल्ला सुनकर पार्वती भी दरवाजे पर आई
कटा शीष देख बालक का, गुस्से से चिल्लाई
मेरे बेटे को वापस जिन्दा करना ही होगा
चाहे कुछ भी करें इसे वापस लौटाना होगा
देखा तो धड़कन जारी थी, लेकिन मस्तक चूर
यह वापस तो जुड़ नहीं सकता, हर कोई मजबूर
Ganesh Story in Hindi
शिवजी बोले नंदी से, तुम जल्दी दौड़ के जाओ
सामने जो भी मिले, उसी का मस्तक काट के लाओ
नंदी ने देखा हाथी का प्यारा बच्चा एक
फौरन गर्दन काटी उसकी, देर ना की क्षण एक
शल्य-क्रिया से शिवजी ने, मस्तक को धड़ से जोड़ा
जल्दी की, सांसें चलने तक, पूरा ठीक से जोड़ा
शल्य क्रिया का चमत्कार, सारी दुनिया में पहला
यह गणेश देवों का राजा, पूजित सबसे पहला
पढ़े-लिखों के गुरु हैं गणपति, बुद्धिदायक देव
हाथी का मस्तक, नर-तन है, वे देवों के देव ।
सुनो सुप्रिया! जानवरों को बुद्धिहीन मत समझो
उनकी सूझ तेज मानव से, पक्की बात है समझो ।
गणपति और मारुति, दोनों देते हमको सीख
पशु मानव से बेहतर होते, सीख सके तो सीख ।
(समाप्त)
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