Religious Mantra, Festivals, Vrat katha, Poojan Vidhi
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भगवान श्री गणेश का ‘सौम्य रूप’ मूर्तिपूजन से सभी प्रकार के रोग दूर होते हैं। इस दिन व्रत रखकर मोदक,पुष्प,सिंदूर,जनेऊ एवं 21 दूर्वा लेकर भगवान गणेश का पूजन करना चाहिए। विधिवत पूजन में उनके मस्तक पर सिंदूर लगाना चाहिए।
गणाधिपतये नमः,
विघ्ननाशाय नमः,
ईशपुत्राय नमः,
सर्वासिद्धिप्रदाय नमः,
एकदंताय नमः,
कुमार गुरवे नमः,
मूषक वाहनाय नमः,
उमा पुत्राय नमः,
विनायकाय नमः,
ईशवक्त्राय नमः
और अंत में सभी नामों का एक साथ क्रम में उच्चारण करके बची हुई दूर्वा भी चढ़ा दें। इसी तरह 21 लड्डू भी चढ़ाएं। इनमें से पांच प्रतिमा के पास छोड़ दें,पांच ब्राह्मणों को और शेष प्रसाद के रूप में परिवार में वितरित कर दें। इस प्रकार पूजन करने से भगवान श्री गणेश की कृपा से सभी विघ्न बाधाएं दूर होकर समस्त कार्य सिद्ध होते हैं।
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