- 190 Posts
- 264 Comments
देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद धन प्रदान करने वाला होता है। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना के साथ-साथ हमारे घर का वातावरण भी शुद्ध रहना चाहिए। लक्ष्मी को कैसा वातावरण चाहिए इस संबंध में देवी लक्ष्मी की एक कथा प्रचलित है। एक दिन महालक्ष्मी देवराज इंद्र के घर पहुंची और उन्होंने कहा- हे इंद्र, मैं तुम्हारे यहां निवास करना चाहती हूं। आगे जानिए महालक्ष्मी ने इंद्र को कौन-कौन सी बातें बताई थी…
इंद्र ने आश्चर्य से कहा- हे देवी, आप तो असुरों के यहां बड़े आदरपूर्वक रहती हैं। वहां आपको कोई कष्ट भी नहीं है। मैंने पूर्व में आपसे कितनी बार निवेदन किया कि आप स्वर्ग पधारें परंतु आप नहीं आईं। आज आप बिन बुलाए कैसे यहां मेरे द्वार पर पधारी हैं? कृपया इसका कारण मुझे बताइएं। देवी लक्ष्मी ने प्रसन्नमुख से कहा- हे इंद्र, कुछ समय पूर्व असुर भी धर्मात्मा थे, वे अपने सभी कर्तव्य पूर्ण रूप से निभाते थे। अब असुर अधार्मिक कृत्यों में लिप्त होते जा रहे हैं। अत: मैं अब वहां नहीं रह सकती।
जिस स्थान पर प्रेम की जगह ईष्र्या-द्वेष और क्रोध-कलह आ जाए, अधार्मिक, दुर्गुण और बुरे व्यसन (शराब, तंबाकु, मांसभक्षण) आ जाए, वहां मैं नहीं रह सकती। मैंने सोचा कि दूषि वातावरण में मेरा निर्वाह नहीं हो सकता। इसलिए दुराचारी असुरों को छोड़कर मैं तुम्हारे यहां सदगुणों वाले स्थान पर रहने आईं हूं।
इंद्र ने पूछा: हे देवी, वे और कौन-कौन से दोष हैं? जहां आप निवास नहीं करती हैं। लक्ष्मीजी ने कहा: हे इंद्र, असुर बड़े दुराचारी हैं, जब कोई वृद्ध सत्पुरुष ज्ञान, विवेक और धर्म की बात करते हैं तो वे उनका उपहास करते हैं, उनकी निंदा करते हैं। यह कृत्य पूर्णत: अधार्मिक है।
जिस घर में पाप, अधर्म, स्वार्थ रहता हैं देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद उन्हें प्राप्त नहीं होता। जो लोग गुरु, माता-पिता और बड़ों का सम्मान नहीं करते, मैं उनके यहां निवास नहीं करती। जो संतान अपने माता-पिता से मुंहजोरी करते हैं, उनका अनादर करते हैं, बिना वजह वाद-विवाद करते हैं, मैं ऐसे लोगों पर कृपा नहीं बरसाती।
Read Comments