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हिन्दू धर्म के पंचदेवों में प्रमुख सूर्यदेव की उपासना का सेहत और खूबसूरती के लिए बड़ा महत्व बताया गया है। खूबसूरती में सबसे अहम अंग होता है – आंखें। धर्म के नजरिए से आंखे पांच ज्ञानेन्द्रियों में एक है। इसलिए दृष्टि की पवित्रता भी खुशहाली में अहम मानी गई है यानी नजर ही सही या गलत नजरिया या सोच नियत करती है।
व्यावहारिक तौर पर आंखों का खूबसूरत न होना, नजर कमजोर होना आदि तरक्की में बाधा बन सकते हैं। इसलिए हिन्दू धर्म शास्त्रों में सूर्य उपासना से आंखों को स्वस्थ्य रखने और रोगों से बचाव के लिए सूर्य स्तुति बताई गई है। इसे रविवार या सुबह सूर्योदय होने पर अर्घ्य देकर या नवग्रह मंदिर में सूर्य पूजा के दौरान करें। जानिए यह सूर्य मंत्र स्तुति –
ऊँ नमो भगवते श्री सूर्यायाक्षितेजसे नम:। ऊँ खेचराय नम:।
ऊँ महासेनाय नम:। ऊँ तमसे नम:।
ऊँ रजसे नम:। ऊँ सत्वाय नम:। ऊँ असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय।
हंसो भगवाञ्छुचिरूप: अप्रतिरूप:।
विश्वरूपं घृणिनं जातवेदसं हिरण्मयं ज्योतीरूपं तपन्तम्।
सहस्त्ररश्मि: शतधा वर्तमान: पुर: प्रजानामुदत्येष सूर्य:।
ऊँ नमो भगवते श्रीसूर्यायादित्याक्षितेजसे हो वाहिनि वाहिनि स्वाहेति।
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