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सुंदरकांड की यह करिश्माई चौपाई हर मुसीबत से बचा सकती है

Religious Mantra, Festivals, Vrat katha, Poojan Vidhi
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दैनिक जीवन में हर इंसान कई छोटी-बड़ी समस्याओं का सामना करता है। इनमें से कुछ तो पलक झपकते सुलझ जाती है। किंतु कुछ परेशानियां लंबे समय तक इतना उलझा देती हैं कि मानसिक अशांति के कारण इंसान को चैन से जी नहीं पाता। इनमें पारिवारिक, आर्थिक, शारीरिक, सामाजिक व्यवहार व कार्यक्षेत्र से जुड़ी बातें शामिल होती है।


अगर आप भी किसी समस्या में बुरी तरह से उलझे हैं और चाहते हैं कि जीवन शांत और सुकूनभरा हो तो जीवन को साधने वाले हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के सुंदरकांड में हनुमानजी का स्मरण कराने वाली विशेष चौपाइयां बहुत ही राहत देने वाली मानी जाती है। जानिए सुंदरकांड की एक ऐसी ही चौपाई, जो किसी भी परेशानी के वक्त मन ही मन बोलें तो चमत्कारी तरीके से मुश्किलों से छुटकारा मिलता है –


सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र और मानसिक भावों के साथ श्रीहनुमान को लाल चंदन, सिंदूर, सुगंधित फूल चढ़ाएं। सुंगधित धूप बत्ती लगाकर लाल आसन पर दक्षिण दिशा में मुंह रख यथासंभव मूंगे की माला से नीचे लिखी चौपाई का जप या स्मरण कम से कम 108 बार करें –


हनुमान अंगद रन गाजे।
हांक सुनत रजनीचर भाजे।


इस चौपाई के अर्थों में छुपा संदेश है कि राम-रावण युद्ध में हनुमान और अंगद रूपी सद्गुणी शक्तियों के भय और आक्रमण से रजनीचर यानी राक्षस रूपी बुरी शक्तियां मैदान छोड़कर भाग गई। व्यावहारिक जीवन में भी दु:खों का नाश करने वाले रुद्र के अंश महावीर हनुमान के स्मरण से राक्षस रूपी भय, परेशानी और चिंता और बुरी भावों का अंत होता है।इसके बाद श्रीहनुमान को यथाशक्ति मिठाई का भोग लगाकर आरती और मंगल कामना करें।


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