Religious Mantra, Festivals, Vrat katha, Poojan Vidhi
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शुक्रवार के दिन सुबह स्नान के बाद देवी दुर्गा या नवदुर्गा के किसी भी रूप की प्रतिमा की सामान्य पूजा करें। जिसमें विशेष रूप से लाल पूजा सामग्रियों में लाल गंध, लाल चंदन, लाल अक्षत, लाल फूल अर्पित करें। नैवेद्य समर्पित करें। सुगंधित अगरबत्ती या गुग्गल धूप और दीप जलाकर नीचे लिखें मंत्र का यथाशक्ति जप करें –
सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यंसुतान्वित:।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय।।
हवन व पूजा की जानकारी होने पर 2100 आहूति व 5000 मंत्र जप का विधान है। पूजा व मंत्र जप, हवन के बाद देवी आरती कर सफलता की हर रुकावटों और संकटों को दूर करने की प्रार्थना करें।
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