Holika Dahan: किस मुहूर्त में श्रेष्ठ होगा होलिका दहन ?
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Holi Festival 2013:
धर्माचार्यो ने शास्त्र मतानुसार मंगलवार अर्धरात्रि में भद्रा में निशीथ काल के बाद होलिका दहन को वर्जित माना तथा धर्मसिंधु, निर्णय सिंधु, जयसिंह कल्पद्रुम शास्त्रानुसार भद्रा मुख के समय को छोड़कर एकमत भद्रा पुच्छ के समय 11:42 से 12:09 बजे होलिका दहन करना सर्वश्रेष्ठ बताया।
Holika Dahan Muhurat: होलिका दहन
विद्वानों का मत :
सम्राट पंचांग निर्माता पं. चंद्रशेखर शर्मा ने कहा- जयसिंह कल्पद्रुम में मध्यरात्रि में निशीथ काल (रात 12:09 से 12:56 बजे) के पश्चात होलिका दहन नहीं होना चाहिए। होलिका दहन के लिए प्रदोष काल में होलिका दहन श्रेष्ठ है। संस्कृत यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सुरेंद्र शर्मा ने कहा- अर्धरात्रि से पहले भद्रा समाप्त हो तो ही होलिका दहन करना चाहिए। पंडित बंशीधर जयपुर पंचांग निर्माता पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा ने कहा- चतुर्दशी युक्त होलीहो तो शास्त्रों में आठवां मुहूर्त निशीथ काल बताया गया है। इसलिए तीसरे चरण की अंतिम घटी में दहन होना चाहिए।
Holika Dahan Puja
ये भी सहमत :
महंत मनोहर दास, प्रोफेसर विनोद बिहारी शर्मा, ज्योतिषविद घनश्याम स्वर्णकार, राजस्थान विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग के डीन डॉ.विनोद शास्त्री, प्रोफेसर प्रभाकर शास्त्री, डॉ.शालिनी सक्सेना, प्रोफेसर वसुधाकर गोस्वामी ने ने प्रदोषकाल और भद्रा पुच्छ के मुहूर्त दोनों को सही ठहराया। पंडित पुरुषोत्तम गौड़ व पंडित राजकुमार चतुर्वेदी ने काशी विश्वनाथ के पंचांग का हवाला देते हुए भद्रा पुच्छ के समय को श्रेष्ठ माना। प्रोफेसर प्रभाकर शास्त्री ने ‘भास्कर’ में रविवार के अंक में प्रकाशित मुहूर्त को मानने पर सहमति जताई। संयोजन आचार्य राजेश्वर ने किया।
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