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रहीम प्रभावशाली दरबारी और कूटनीतिज्ञ होने के अलावा साहित्य में भी खास जगह रखते थे। उन्होंने मुसलमान होते हुए भगवान कृष्ण की उपासना में अनेक छंदों की रचना की। उनके दोहे आज भी बहुत पसंद किए जाते हैं।
रहिमन चुप हो बैठिए , देखि दिनन के फेर
जब नीके दिन आइहैं , बनत न लगिहैं देर
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Dohe in hindi font
कलयुग का वरदान, दुष्ट को मिलेगा प्राणी रोएंगे ।
बनेगा जग शमशान, पाप के बोझ को प्राणी ढोएंगे।।
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चाटुकार और चुगलखोर, ये नेताजी के पाले हैं ।
मतदाता को परख रहे जो, वो मतिभ्रम के मारे हैं।।
अहंकार की ऊंची लपटें, मनमानी करवाती हैं।
लंकापति रावण की मति को, दीवानी कर जाती हैं।।
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समय लाभ सम लाभ नहिं, समय चूक सम चूक।
चतुरन चित रहिमन लगी, समय चूक की हूक।।
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Amir Khusro ke Dohe: अमीर खुसरो के दोहे
खुसरो दरिया प्रेम का, उल्टी वा की धार।
जो उतरा सो डूब गया, जो डूबा सो पार।।
ःइण
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