- 190 Posts
- 264 Comments
भगवान गणेश के 12 संकटनाशक नामों के ध्यान का बड़ा महत्व बताया गया है। इन बारह नामों का सुबह, दोपहर और शाम के अलावा हर रोज भी छ: माह तक बोलने से विद्या, धन, संतान और स्वास्थ्य के इच्छुक हर भक्त की हर इच्छा पूरी हो जाती है। साथ ही जीवन में आने वाली अड़चनों और संकटों से छुटकारा मिलता है। भगवान गणेश के बारह नामों का यह पाठ संकटनाशक स्तोत्र के नाम से भी जाना जाता है।
इस मंत्र स्तोत्र के चमत्कारी 12 श्रीगणेश नाम स्मरण से पहले भगवान गणेश की पूजा जरूर करें –
प्रणम्यं शिरसां देवं गौरीपुत्र विनायकम्।
भक्तावासं स्मरेन्नित्मायु: कामार्थसिद्धये।।
प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदतं द्वितीयकंम्।
तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।।
लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजं च धूम्रवर्णं तथाष्टमम्।।
नवमं भालचद्रं च दशमं तु विनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननमं।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यं पठेन्नर:।
न च विघ्रभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो।।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनं।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम।।
जपेद्गणपतिस्तोत्रम षड्भिर्मासै: फलं लभेत।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय:।।
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्य लिखित्वा य: समर्पयेत। तस्य विद्याभवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।
Read Comments