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HANUMAN JI KI AARTI
हम सभी जब भी मंदिर जाते हैं और वहां हनुमान जी की मूर्ति को देखते हैं तो कई बार यह सवाल दिमाग में आता होगा कि आखिर हनुमान जी के पूरे शरीर पर सिंदुर का लेप क्यूं चढ़ा है. उम्मीद है आप इस सवाल का उत्तर अपने बड़ों से पूछ चुके होंगे लेकिन अगर आपने यह सवाल किसी से नहीं पूछ तो डरिए मत इस सवाल का उत्तर आपको यह ब्लॉग जरूर देगा.
हनुमान जी को सिंदुर क्यूं चढ़ाते हैं?
एक बार हनुमान जी ने सिता जी को सिंदुर लगाते हुए देखा तो जिज्ञासावश उन्होंने मां सीता से पूछा कि “आप यह सिंदुर क्यूं लगाती हैं?” तो सीता जी ने उत्तर दिया “सिंदुर लगाने से राम जी की आयु बढ़ती है.” यह सुनकर हनुमान जी ने सोचा कि मां सीता के राम के नाम पर एक चुटकी सिंदुर लगाने से राम जी की आयु बढ़ती है तो अगर मैं पूरे बदन पर सिंदुर लगा लूं तो राम जी की आयु कितनी बढ जाएगी? सो उन्होंने अपने सारे बदन पर ही सिंदुर लगा लिया.
राम जी ने जब हनुमान जी को इस अवस्था में देख और उनकी भक्ति के बारें में जाना तो उन्हें अपने गले लगा लिया.
हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ||
जाके बल से गिरिवर काँपे | रोग दोष जाके निकट न झांके ||
अनजानी पुत्र महाबलदायी | संतान के प्रभु सदा सहाई |
दे बीरा रघुनाथ पठाये | लंका जारी सिया सुध लाये ||
लंका सो कोट समुद्र सी खाई | जात पवनसुत बार न लाई ||
लंका जारी असुर संहारे | सियारामजी के काज सँवारे ||
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे | आणि संजीवन प्राण उबारे ||
पैठी पताल तोरि जम कारे | अहिरावण की भुजा उखाड़े ||
बाएं भुजा असुरदल मारे | दाहिने भुजा संतजन तारे ||
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे | जै जै जै हनुमान उचारे ||
कंचन थार कपूर लौ छाई | आरती करत अंजना माई ||
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई | तुलसीदास प्रभु कीरति गाई ||
जो हनुमान जी की आरती गावै | बसी बैकुंठ परमपद पावै ||
आरती कीजै हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ||
{Aarti Shri Hanuman ji Ki, श्री हनुमान जी की आरती, in hindi. Aarti Ke Jai Hanuman Lalaki.}
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