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गणेश जी एक विशेष आरती: गणेशोत्सव विशेष

Religious Mantra, Festivals, Vrat katha, Poojan Vidhi
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ganesh-aartiआजकल हर तरफ प्रथम पूज्नीय श्री गणेश की धूम हैं. और भी हो क्यूं ना एक सितंबर से भारत में गणेशोत्सव को शुरू हो रखा है. महाराष्ट्र में गणेश की धूम देखते ही बनती है. इस दौरान सारा माहौल गणेश के रंग में रंगा होता है.


गणेश जी की आरती तो हम पहले भी दे चुके हैं और आज हम गणेश की एक विशेष आरती आप लोगों तक पहुंचा रहे हैं जो गणेश जी को समर्पित है. तो चलिए आज की शाम इस आरती के साथ गणेश जी के नाम की जाए.


गणेश जी की आरती

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाचीनुरवी पुरवी

प्रेम कृपा जयाचीसर्वांगी सुंदर उटि शेंदुरा चीकंठी

झळके माळ मुक्ताफळांची ।। १ ।।


जयदेव जयदेव जय मंगल मुर्ती दर्शनमात्रे

मनकामना पुरती ।।

रत्नखचित फरा तुज गौरी कुमरा चंदनाची

उटी कुंकुम केश राहिरेजडीत मुगुट शोभतो

बरारुणझुणती नूपूरे चरणी घागरिया ।। २ ।।


लंबोदर पीतांबर फणिवर बंधनासरळ सोंड वक्रतुंड

त्रिनयनादास रामाचा वाट पाहे सदनासंकटी

पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवरवंदना ।। ३ ।।


घालीन लोटांगण वंदीन चरण । डोळ्यांनी पाहिन रुप तुझे ॥

प्रेमें आलिंगिन आनंदे पूजीन । भावें ओवाळिन म्हणे नामा ॥१॥

त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव ।


त्वमेव विद्या द्रविडं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देवदेव ॥२॥


कायेन वाचा मनसेन्द्रियैवा बुद्धयात्मना वा प्रकृतिस्वभावात ।

करोमि यद्यत्सकलं परस्मै नारायणायेति समर्पयामि ॥३॥


अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् ।

श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥४॥


हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ॥५॥



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