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शुक्रवार का व्रत और आरती – Shukrawar ki Puja

Religious Mantra, Festivals, Vrat katha, Poojan Vidhi
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Fridayभारतीय कैलेंडर के हिसाब से हर वार यानि दिन का एक देवता होता है जिनका उनके दिन पूजन करने से मनमांगा फल मिलता है. आज शुक्रवार के दिन भगवान शुक्र की पूजा की जाती है. भगवान शुक्र की पूजा करने से सभी प्रकार की चिंताओं से तो मुक्ति मिलती ही है साथ ही जिन लोगों की शादी में अड़चने आती है वह भी दूर हो जाती है.


शुक्रवार का व्रत तीन तरह से किया जाता है. इस दिन भगवान शुक्र के साथ-साथ संतोषी माता तथा वैभव लक्ष्मी देवी का भी पूजन किया जाता है. तीनों व्रतों की विधियां अलग-अलग हैं.


आरती लक्ष्मण बाल जती की. असुर संहारन प्राणपति की॥

जगमग ज्योति अवधपुरी की. शेषाचल पर आप विराजे॥

घंटाताल पखावज बाजै. कोटि देव सब आरती साजै॥

क्रीटमुकुट कर धनुष विराजै. तीन लोक जाकी शोभा राजै॥

कंचन थार कपूर सुहाई. आरती करत सुमित्रा माई॥

प्रेम मगन होय आरती गावैं. बसि बैकुण्ठ बहुरि नहीं आवैं॥

भक्त हेतु हरि लाड़ लड़ावैं. जब घनश्याम परम पद पावैं॥

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